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Monday, January 14, 2008

वाह भैया अब तो हिन्दी में भी ब्लोग कर सकते हैं। यह सच मच एक नया रंग लाएगा इस ब्लोग दुनिया में। देखते हैं मेरी हिन्दी किस हालत में है। फिलहाल ही इंडिया से लौटा हूँ। बम्बैया हिन्दी कि आदत से फिर लग गयी है। इंडिया लॉट के काफी मज़ा आया। सारे दोस्तों को मिल और एक शादी में जाने का मौका भी मिला।
पानी पूरी और तोअस्त संद्व्हिच से मन भरा ही नही। अब वापिस आके खाना फीखा फीखा लगता है।
खैर यह पहली कोशिश थी हिन्दी में, आगे देखते हैं और हिन्दी ब्लोग्गिंग कटा हूँ कि नही.